पंडीत ढुंण्ढिराजशास्त्री2014-04-082014-04-082014-04-08http://dspace.vpmthane.org:8080/jspui/handle/123456789/3646otherन्यायाचार्य श्रीमदुदयनाचार्य विरचित : आत्मतत्त्वविवेक :Book